अमेरिका तथा भारत के संबंध
समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व
Class - 12th
Chapter - 3
1). संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भारत के संबंध किस प्रकार के होने चाहिए ? इसके बारे में भारत में चल रहे 3 विभिन्न दृष्टिकोणों का विश्लेषण करें|
भारत और अमेरिका विश्व के 2 सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हैं जिन्हें स्वाभाविक तौर पर एक दूसरे का सहयोगी होना चाहिए भारत को शीतयुद्ध के दौर में स्वतंत्रता मिली थी उस समय भारतीय नेतृत्व ने गुटनिरपेक्षता की नीति का अनुसरण किया था जिसके चलते भारत और अमेरिका के संबंध इतने अच्छे नहीं रहे जितने उन्हें होने चाहिए थे परंतु शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद दुनिया एकध्रुवीय हो चुकी है थी और अमेरिका इस एकध्रुवीय विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति है भारत ने भी हाल के वर्षों में अपनी पुरानी नीति को बदलते हुए अपने रिश्तो में सुधार किया है मौजूदा समय की परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा होना भी चाहिए फिलहाल देश में भारत-अमेरिका के संबंधों के संदर्भ में 3 संभावित नीतियों पर चर्चा चल रही है जो कि इस प्रकार है -
• अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के जानकार के एक पक्ष का मानना है कि भारत को अपनी पूर्व प्रतिनिधि के अनुसार ही अमेरिका से खुद को अलग रखना चाहिए और अपना ध्यान अपनी राष्ट्र शक्ति को बढ़ाने के लिए करना चाहिए|
• विद्वानों का एक पक्ष ऐसा भी है जो मानता है कि मौजूदा एक ध्रुवीय विश्व में अमेरिकी वर्चस्व को देखते हुए भारत का फायदा उठाना चाहिए और अमेरिका के साथ अपने आपसी रिश्तो को घनिष्ट बनाने चाहिए विशेषकर व्यापारिक सैन्य और प्रौद्योगिकी के मामले में भारत अमेरिका से बहुत कुछ हासिल कर सकता है|
• भारत अमेरिका के संबंधों के संदर्भ में एक और विचार दिया जाता है बहुत से विद्वान सोचते हैं कि अमेरिका के साथ जाने के बजाय भारत को विकासशील देशों को एक करके उनका नेतृत्व करना चाहिए इससे वह अमेरिकी वर्चस्व के प्रभाव से भी बचा रहेगा|
2). अमेरिका की उन्नत प्रौद्योगिकी भारतीय मेहनत का फल है ? इस कथन को तर्क सहित विस्तार पूर्वक समझाइए|
शीत युद्ध की समाप्ति के पश्चात भारत अमेरिका के नए संबंधों की शुरुआत हुई बड़ी संख्या में अनिवासी भारतीय अमेरिका के उच्च तकनीकी क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं यदि दूसरे शब्दों में कहा जाए तो अमेरिका की उन्नत प्रौद्योगिकी के पीछे काफी हद तक भारतीयों का खून पसीना लगा है इसे सत्यापित करने के लिए निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं -
• भारत के सॉफ्टवेयर निर्यात का 65% सीधे अमेरिका को जाता है
• विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग के लगभग 35% कर्मचारी भारतीय हैं
• अमेरिका की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले कैलिफोर्निया में लगभग 300000 भारतीय कार्यरत हैं
• अमेरिका में लगने वाली उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों में से 15% भारतीय द्वारा लगाई गई है
उपरोक्त सभी उदाहरण यह साबित करते हैं कि व्यापार के अलावा भारतीय अमेरिका की तकनीकी क्षेत्र में मदद कर रहे हैं|
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